Rakesh 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे;
आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे;

ये मत पूछना किसने दर्द दिया;
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे।

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