ज़िन्दगी से यही ग़िला है मुझे;
तू बहुत देर से मिला है मुझे;
हमसफ़र चाहिए हुजूम नहीं;
मुसाफ़िर ही काफ़िला है मुझे;
दिल धड़कता नहीं सुलगता है;
वो जो ख़्वाहिश थी आबला है मुझे;
लबकुशा हूँ तो इस यक़ीन के साथ;
क़त्ल होने का हौसला है मुझे;
कौन जाने कि चाहतों में 'फ़राज़';
क्या गँवाया है क्या मिला है मुझे।
