Afsar 12:00:00 AM 17 Jul, 2017

हमसे दूर होकर हमारे पास हो तुम;​​
हमारी सूनी ज़िंदगी की आस हो तुम;

कौन कहता है हमसे बिछड़ गए हो तुम;
हमारी यादों में हमारे साथ हो तुम।

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