Afsar 12:00:00 AM 17 Jul, 2017

ये चिराग़ बे नज़र है ये सितारा बेज़ुबाँ है;
अभी तुझसे मिलता जुलता कोई दूसरा कहाँ है;

वही शख़्स जिसपे अपने दिल-ओ-जाँ निसार कर दूँ;
वो अगर ख़फ़ा नहीं है तो ज़रूर बदगुमाँ है;

कभी पा के तुझको खोना कभी खो के तुझको पाना;
ये जनम जनम का रिश्ता तेरे मेरे दरमियाँ है;

मेरे साथ चलनेवाले तुझे क्या मिला सफ़र में;
वही दुख भरी ज़मीं है वही ग़म का आस्माँ है;

मैं इसी गुमाँ में बरसों बड़ा मुत्मइन रहा हूँ;
तेरा जिस्म बेतग़ैय्युर है मेरा प्यार जाविदाँ है;

उंहीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे;
मुझे रोक रोक पूछा तेरा हमसफ़र कहाँ है।

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