TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 18 Feb, 2017

‬: रात की गहराई आँखों में उतर आई,


कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,




ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,



कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई

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