Afsar 12:00:00 AM 18 Jun, 2017

तेरे इंतज़ार में यह नज़रें झुकी हैं,
तेरा दीदार करने की चाह जगी है,

न जानूँ तेरा नाम, न तेरा पता,
फिर भी न जाने क्यों
इस पागल दिल में एक अज़ब सी बेचैनी जगी है..

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