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Afsar
12:00:00 AM 18 Jun, 2017
तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िंदगी मैंने,
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे।
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#28871 Rakesh
12:00:00 AM 15 Jun, 2017
मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है;
ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है;
ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इसका;
मै बेसब्र इतना हूँ वो तुन्द ख़ू है;
तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना;
तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है;
किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया;
गुल-ए-दोस्ती में अजब रंग-ओ-बू है;
ग़नीमत है ये दीद वा दीद-ए-याराँ;
जहाँ मूँद गयी आँख, मैं है न तू है;
नज़र मेरे दिल की पड़ी 'दर्द' किस पर;
जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है।
#35167 Afsar
12:00:00 AM 16 Jul, 2017
मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है;
ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है;
ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इसका;
मै बेसब्र इतना हूँ वो तुन्द ख़ू है;
तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना;
तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है;
किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया;
गुल-ए-दोस्ती में अजब रंग-ओ-बू है;
ग़नीमत है ये दीद वा दीद-ए-याराँ;
जहाँ मूँद गयी आँख, मैं है न तू है;
नज़र मेरे दिल की पड़ी 'दर्द' किस पर;
जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है।
#47929 Reena
12:00:00 AM 11 Jun, 2018
मगर यह ना हो सका अब यह
आलम हैं
कि तू नही तेरा गम तेरी जुस्तजू
भी नही
गुजर रही हैं कुछ इस तरह जिदंगी
जैसे
इससे किसी के सहारे की आरजू
भी नही
#48196 Reena
12:00:00 AM 18 Jun, 2018
एक तेरी ही ख्वाहिश
एक तेरो ही जुस्तजू
ज़िन्दगी में अब रखा क्या है
तेरे बैगर मेरे हुज़ूर !!