Afsar 12:00:00 AM 19 Jun, 2017

हर रात उसको इस तरह से भुलाता हूँ,
दर्द को सीने में दबा के सो जाता हूँ।

सर्द हवाएँ जब भी चलती हैं रात में,
हाथ सेंकने को अपना ही घर जलाता हूँ।

कसम दी थी उसने कभी न रोने की मुझे,
यही वजह है कि आज भी मुस्कुराता हूँ।

हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए,
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ।

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