रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
Good night &Sweet dreem
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
Good night &Sweet dreem