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Aman
12:00:00 AM 12 Feb, 2017
तुम भी तन्हा थे
हम भी तन्हा थे
मिलके रोने लगे
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moral अकेले रहो खुश रहो
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Related to this Post:
#8484 Aman
12:00:00 AM 15 Feb, 2017
सास ने अपने फौजी दामाद को ख़त
लिखा
"मेरी बेटी को तन्हा छोड़ कर तुम
सरहद में मौज मस्ती कर रहे हो,
शराफत से मेरी बेटी के पास आ
जाओ..
.
कोई भी बहाना बनाकर छुट्टी ले
लो"
.
फौजी दामाद ने सास को
एक हैण्ड ग्रेनेड बम के साथ ख़त
भेजा जिसमे लिखा था
.
"प्यारी सासू माँ,
.
अगर आप इसकी पिन खीच ले तो
.
मुझे 13 दिन की छुट्टी मिल
जाएगी..
#10935 Aman
12:00:00 AM 17 Feb, 2017
*जब से देखा है चाँद को तन्हा.…*
*तुम से भी कोई शिकायत ना रही.!!☝🏻😌*
#13238 Aman
12:00:00 AM 24 Feb, 2017
*दो पल के......*
*लिये ही सही *
*मेरी तन्हाइयों में खो जाओ......*
*मैं भी तुम्हारा और*
*तुम भी मेरी हो जाओ.......!*
*💖💖...✍🏻*
#15222 TIPU
12:00:00 AM 08 Mar, 2017
देखो आवाज़ देकर पास हमे पाओगे,
आ ओगे तन्हा पर तन्हा ना जाओगे,
दूर रहकर भी तुम्ही पे नज़र है मेरी,
हाथो से थम लेंगे जब भी ठोकर खाओगे .... !!!
#18219 Happy
12:00:00 AM 28 Mar, 2017
बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे,
जहां चाहा रो लेते थे…
पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए
और आंसुओ को तन्हाई !
हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से…
देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में !
चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं…
जिन्दगी तुम हमें ढूंढो…हम तुम्हे ढूंढते हैं …
#21949 Afsar
12:00:00 AM 13 May, 2017
ये शाम ये तन्हाई,
हो रही है गगन में
दिवस की विदाई,
जैसे ही शाम आई,
मुझे याद आ गए तुम
हवा में तैरती
खुशबू अनजानी सी,
कभी लगती पहचानी सी,
कभी कहती एक कहानी सी,
मैं सुनने का प्रयत्न करती हूँ
और मुझे याद आ गए तुम...
उतर आया है चाँद गगन में,
मानो ढूँढ रहा है किसी को चाँद गगन में,
मैं
भी सोचती हूँ,
पूछूं चाँद से किसी के बारे में,
याद करने का प्रयत्न करती हूँ,
और मुझे याद आ गए तुम...
महकती फिजा में
बहकती सी मैं,
धीरे से पुकारता है कोई
कहके मुझे 'चांदनी',
छिटकती चांदनी में जैसे
बन गयी हैं सीढ़िया,
मैं चढ़ने का प्रयत्न करती हूँ
और मुझे याद आ गए सिर्फ तुम.
#22343 Aman
12:00:00 AM 19 May, 2017
भीड़ में भी महसूस होती है तन्हाई,
अँधेरे में दिखती है तुम्हारी पडछाई,
तुम क्या समजोगे हमारे प्यार की सच्चाई,
सागर से भी गहरी हो जिसकी गहराई.
#24368 arman
12:00:00 AM 03 Jun, 2017
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दुसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो तुम..!!
#24765 Afsar
12:00:00 AM 05 Jun, 2017
तेरे जहां मे देख ली अच्छाईंया इतनी,
दिल को अब कोई अच्छा नहीं लगता,
हूं तन्हा सही, मगर तुम ये भी तो सोचो,
किसी भीड़ का मै हिस्सा नहीं लगता,
तेरे वादे पर यक़ीन करता चला गया,
अब तो कोई भी सच्चा नही लगता,
बाप की जलती हुई चिता ने ये कहा,
मान भी जा अब, तू बच्चा नहीं लगता।