Aman 12:00:00 AM 17 Feb, 2017

भयंकर शायरी

रोक दो मेरे जनाजे को अब
मुझमे जान आ रही हैं..
आगे से थोडा राईट ले लो
दारु की दूकान आ रही हैं |

"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब,
तो पैग बना कर दिया करूंगा"

"नशा" "महोब्बत" का हो
"शराब" का हो ...-
या " WhatsApp " का हो
"होश" तीनो मे खो जाते है

"फर्क" सिर्फ इतना है की,
"शराब" सुला देती है ..
"महोब्बत" रुला देती है, और -
"whatsapp" यारों की याद दिला देती है ....!

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