एक कंजूस अपने खेत में जा रहा था |
एकाएक उसे एक कांटा चुभ गया |
वह बड़ी बहादुरी से कांटा निकालते हुये बोला ,
खुदा तेरा लाख-लाख शुक्र है कि
मैं जूते पहन कर नहीं आया वर्ना
मेरे अच्छे जूते में सूराख पड़ जाता |
एक कंजूस अपने खेत में जा रहा था |
एकाएक उसे एक कांटा चुभ गया |
वह बड़ी बहादुरी से कांटा निकालते हुये बोला ,
खुदा तेरा लाख-लाख शुक्र है कि
मैं जूते पहन कर नहीं आया वर्ना
मेरे अच्छे जूते में सूराख पड़ जाता |
