आपको देख कर देखता रह गया;
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया;
आते-आते मेरा नाम-सा रह गया;
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया;
वो मेरे सामने ही गया और मैं;
रास्ते की तरह देखता रह गया;
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये;
और मैं था कि सच बोलता रह गया;
आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे;
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया।
