arman 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा;
क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता;

फनाह होना तो रिवायत है तेरी;
इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता

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