आज तुम्हारी याद ने मुझे कुछ लिखने पर मज़बूर किया;
ऐसा लगा जैसे तुम ने भी मुझे याद है ज़रूर किया;
अगर थी मुझसे इतनी मोहब्बत तुमको ऐ सनम;
तो फिर क्यों तुम ने मुझको खुद से है इतना दूर किया।
आज तुम्हारी याद ने मुझे कुछ लिखने पर मज़बूर किया;
ऐसा लगा जैसे तुम ने भी मुझे याद है ज़रूर किया;
अगर थी मुझसे इतनी मोहब्बत तुमको ऐ सनम;
तो फिर क्यों तुम ने मुझको खुद से है इतना दूर किया।
