Afsar 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए;
फिर जो निगाह-ए-यार कहे मान जाइए;

पहले मिजाज़-ए-राहगुजर जान जाइए;
फिर गर्द-ए-राह जो भी कहे मान जाइए;

कुछ कह रहीं हैं आपके सीने की धड़कनें;
मेरी सुनें तो दिल का कहा मान जाइए;

इक धूप सी जमी है निगाहों के आसपास;
ये आप हैं तो आप पे कुर्बान जाइए;

शायद हुजूर से कोई निस्बत हमें भी हो;
आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए।

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