arman 12:00:00 AM 16 Jul, 2017

मालूम नहीं मंज़िल खुद मुझे अपनी;
कदम रुक जायेंगे खुद, सफर जहाँ खत्म होगा;

तुम्हें याद न करूँ ऐसा पल न कभी आये;
भूल जाऊं जिस दिन मैं तुम्हें, वो दिन आखिरी हो जाये।

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