Afsar 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

तन्हा तन्हा हम रो लेंगे
महफ़िल महफ़िल गायेंगे;

जब तक आँसू पास रहेंगे
तब तक गीत सुनायेंगे;

तुम जो सोचो वो तुम जानो
हम तो अपनी कहते हैं;

देर न करना घर जाने में
वरना घर खो जायेंगे;

बच्चों के छोटे हाथों को
चाँद सितारे छूने दो;

चार किताबें पढ़ कर
वो भी हम जैसे हो जायेंगे;

किन राहों से दूर है
मंज़िल कौन सा रस्ता आसाँ है;

हम जब थक कर रुक जायेंगे
औरों को समझायेंगे;

अच्छी सूरत वाले सारे
पत्थर-दिल हो मुम्किन है;

हम तो उस दिन राए देंगे
जिस दिन धोका खायेंगे।

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