arman 12:00:00 AM 17 Jun, 2017

यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;

जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम!

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