TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 18 Feb, 2017

कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,

हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..

उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,

हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी..

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