Afsar 12:00:00 AM 28 Jul, 2017

दीवाना उस ने कर दिया एक बार देख कर,
हम कर सके न कुछ भी लगातार देख कर।

वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी,
वो शख्श आज मुझको गैर कह के चला गया।

जो उनकी आँखों से बयां होते हैं,
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।

खुशनसीब कुछ ऐसे हो जाये,
तुम हो हम हो और इश्क हो जाये।

उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में,
पर खुश रहने का मज़ा आपके ही साथ है।

ए मेरी कलम इतना सा अहसान कर दे
कह ना पाई जो जुबान वो बयान कर दे।

अब मौत से कहो की हमसे नाराज़गी ख़त्म कर ले,
वो बहुत बदल गए है,
जिसके लिए हम जिया करते थे ।

जब लगा था खँजर तो इतना दर्द ना हुआ,
जख्म का एहसास तो तब हुआ
जब चलाने वाले पे नजर पड़ी।

परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे..
बस इतनी सी दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे।

गिरते हुए आँसुओं को कौन देखता है
झूठी मुस्कान के दीवाने हैं सब यहाँ।

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