मेरी रातों की राहत,
दिन के इत्मिनान ले जाना;
तुम्हारे काम आ जायेगा,
यह सामान ले जाना;
तुम्हारे बाद क्या रखना
अना से वास्ता कोई;
तुम अपने साथ मेरा उम्र
भर का मान ले जाना;
शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं
फर्श पर, चुन लो;
अगर तुम जोड़ सको
तो यह गुलदान ले जाना;
तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ
रुखसत कर नहीं सकते;
पुरानी दोस्ती है,
की कुछ पहचान ले जाना;
इरादा कर लिया है
तुमने गर सचमुच बिछड़ने का;
तो फिर अपने यह सारे
वादा-ओ-पैमान ले जाना;
अगर थोड़ी बहुत है,
शायरी से उनको दिलचस्पी;
तो उनके सामने
मेरा यह दीवान ले जाना।
