Afsar 12:00:00 AM 13 Jun, 2017

मेरी रातों की राहत,
दिन के इत्मिनान ले जाना;

तुम्हारे काम आ जायेगा,
यह सामान ले जाना;

तुम्हारे बाद क्या रखना
अना से वास्ता कोई;

तुम अपने साथ मेरा उम्र
भर का मान ले जाना;

शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं
फर्श पर, चुन लो;

अगर तुम जोड़ सको
तो यह गुलदान ले जाना;

तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ
रुखसत कर नहीं सकते;

पुरानी दोस्ती है,
की कुछ पहचान ले जाना;

इरादा कर लिया है
तुमने गर सचमुच बिछड़ने का;

तो फिर अपने यह सारे
वादा-ओ-पैमान ले जाना;

अगर थोड़ी बहुत है,
शायरी से उनको दिलचस्पी;

तो उनके सामने
मेरा यह दीवान ले जाना।

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