Afsar 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

रात गुम सुम है मगर खामोश नही;
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही;

ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में;
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।

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