रात गुम सुम है मगर खामोश नही;
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही;
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में;
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।
रात गुम सुम है मगर खामोश नही;
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही;
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में;
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।