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arman
12:00:00 AM 18 Jul, 2017
मेरी नीम सी ज़िन्दगी शहद कर दे,
कोई मुझे इतना चाहे की हद कर दे
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#1309 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
सही बात है, मोदी जी ने कुछ काम नही किया है |
देखो हर साल कांग्रेस कितना काम करती थी, खोदकर लाया हूँ उनके सारे कारनामे |
1987 - बोफोर्स तोप घोटाला, 960 करोड़
1992 - शेयर घोटाला, 5,000 करोड़।।
1994 - चीनी घोटाला, 650 करोड़
1995 - प्रेफ्रेंशल अलॉटमेंट घोटाला, 5,000 करोड़
1995 - कस्टम टैक्स घोटाला, 43 करोड़
1995 - कॉबलर घोटाला, 1,000 करोड़
1995 - दीनार / हवाला घोटाला, 400 करोड़
1995 - मेघालय वन घोटाला, 300 करोड़
1996 - उर्वरक आयत घोटाला, 1,300 करोड़
1996 - चारा घोटाला, 950 करोड़
1996 - यूरिया घोटाला, 133 करोड
1997 - बिहार भूमि घोटाला, 400 करोड़
1997 - म्यूच्यूअल फण्ड घोटाला, 1,200 करोड़
1997 - सुखराम टेलिकॉम घोटाला, 1,500 करोड़
1997 - SNC पॉवेर प्रोजेक्ट घोटाला, 374 करोड़
1998 - उदय गोयल कृषि उपज घोटाला, 210 करोड़
1998 - टीक पौध घोटाला, 8,000 करोड़
2001 - डालमिया शेयर घोटाला, 595 करोड़
2001 - UTI घोटाला, 32 करोड़
2001 - केतन पारिख प्रतिभूति घोटाला, 1,000 करोड़
2002 - संजय अग्रवाल गृह निवेश घोटाला, 600 करोड़
2002 - कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज घोटाला, 120 करोड़
2003 - स्टाम्प घोटाला, 20,000 करोड़
2005 - आई पि ओ कॉरिडोर घोटाला, 1,000 करोड़
2005 - बिहार बाढ़ आपदा घोटाला, 17 करोड़
2005 - सौरपियन पनडुब्बी घोटाला, 18,978 करोड़
2006 - ताज कॉरिडोर घोटाला, 175 करोड़
2006 - पंजाब सिटी सेंटर घोटाला, 1,500 करोड़
2008 - काला धन, 2,10,000 करोड
2008 - सत्यम घोटाला, 8,000 करोड
2008 - सैन्य राशन घोटाला, 5,000 करोड़
2008 - स्टेट बैंक ऑफ़ सौराष्ट्र, 95 करोड़
2008 - हसन् अली हवाला घोटाला, 39,120 करोड़
2009 - उड़ीसा खदान घोटाला, 7,000 करोड़
2009 - चावल निर्यात घोटाला, 2,500 करोड़
2009 - झारखण्ड खदान घोटाला, 4,000करोड़
2009 - झारखण्ड मेडिकल उपकरण घोटाला, 130 करोड़
2010 - आदर्श घर घोटाला, 900 करोड़
2010 - खाद्यान घोटाला, 35,000 करोड़
2010 S - बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला, 2,00,000 करोड़
2011 - 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, 1,76,000 करोड़
2011 - कॉमन वेल्थ घोटाला, 70,000 करोड़
सालो राम मंदिर और पेट्रोल पर रो रहे हो, इनमे से 5 के नाम भी पता थे क्या |
वो बेचारा अकेला इतनी मेहनत कर रहा है, पर तुम्हारी आदत है न हर चीज में डंडा करने की | अगर ये तंग आकर हट गया न तो, तुम्हे फिर यही कांग्रेस मिलेगी | जितने भी उसके बाहर घूमने से परेशान है, वो बाहर हनीमून नही मना रहा है | सुरक्षा मजबूत कर रहा है अपने देश की | आज तुम सबको को किसान दिख रहे, हैं और जब यूरिया और खाद घोटाला हुये तो, कुछ नही दिखा |
अगर दिल में अभी भी थोडीसी भी सच्ची जीवित हैं, तो इस पोस्ट को शेअर करो और लोगों को भी निंद से जगाओ |
मोदीजी को प्रधानमंत्री बने, 1 वर्ष भी नहीं हुआ की, अच्छे दिन का ताना मारने लगे हैं कुछ लोग | वो लोग जर इनका भी कार्य काल देखो, और इन्होने क्या क्या किया हैं सोचो |
1. जवाहरलाल नेहरु, 16 वर्ष 286 दिन
2. इंदिरा गाँधी, 15 वर्ष 91 दिन
3. राजीव गाँधी, 5 वर्ष 32 दिन
4. मनमोहन सिंह, 10 वर्ष 4 दिन
कुल मिला कर 47 वर्ष 48 दिन में अच्छे दिन को ढूंढ नहीं सके और 1 वर्ष में हीं अच्छे दिन चाहिए |
ये कैसा न्याय है ???
ये कैसी राष्ट्रभक्ति है ???
मेरी भारतवासियों से यही नम्र विनंती हैं कि, अच्छे दिन चाहिये तो थोडा सब्र करो, धैर्य रखो |
जय हिन्द॥
#19614 Afsar
12:00:00 AM 02 May, 2017
वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की
वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की
जो रोज़ मेरी गली से गुज़र के जाती है
सुना है
वो किसी लड़के से प्यार करती है
बहार हो के, तलाश-ए-बहार करती है
न कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँ
बस उसी वक़्त जब वो आती है
कुछ इंतिज़ार की आदत सी हो गई है
मुझे
एक अजनबी की ज़रूरत हो गई है मुझे
मेरे बरांडे के आगे यह फूस का छप्पर
गली के मोड पे खडा हुआ सा
एक पत्थर
वो एक झुकती हुई बदनुमा सी नीम की शाख
और उस पे जंगली कबूतर के घोंसले का निशाँ
यह सारी चीजें कि जैसे मुझी में शामिल हैं
मेरे दुखों में मेरी हर खुशी में शामिल हैं
मैं चाहता हूँ कि वो भी यूं ही गुज़रती रहे
अदा-ओ-नाज़ से लड़के को प्यार करती रहे
#23733 Afsar
12:00:00 AM 02 Jun, 2017
मेरी नीम सी जिंदगी को शहद कर दे,
कोई मुझे इतना चाहे की बस हद्द कर दे।
#29042 Rakesh
12:00:00 AM 15 Jun, 2017
टूटी है मेरी नींद,
मगर तुमको इससे क्या;
बजते रहें हवाओं से दर,
तुमको इससे क्या;
तुम मौज-मौज मिस्ल-
ए-सबा घूमते रहो;
कट जाएँ मेरी सोच के
पर तुमको इससे क्या;
औरों का हाथ थामो,
उन्हें रास्ता दिखाओ;
मैं भूल जाऊँ अपना ही घर,
तुमको इससे क्या;
अब्र-ए-गुरेज़-पा को
बरसने से क्या ग़रज़;
सीपी में बन न पाए गुहर,
तुमको इससे क्या;
ले जाएँ मुझको माल-
ए-ग़नीमत के साथ उदू;
तुमने तो डाल दी है सिपर,
तुमको इससे क्या;
तुमने तो थक के दश्त
में ख़ेमे लगा लिए;
तन्हा कटे किसी का सफ़र,
तुमको इससे क्या।
#35330 arman
12:00:00 AM 16 Jul, 2017
टूटी है मेरी नींद, मगर तुमको इससे क्या;
बजते रहें हवाओं से दर, तुमको इससे क्या;
तुम मौज-मौज मिस्ल-ए-सबा घूमते रहो;
कट जाएँ मेरी सोच के पर तुमको इससे क्या;
औरों का हाथ थामो, उन्हें रास्ता दिखाओ;
मैं भूल जाऊँ अपना ही घर, तुमको इससे क्या;
अब्र-ए-गुरेज़-पा को बरसने से क्या ग़रज़;
सीपी में बन न पाए गुहर, तुमको इससे क्या;
ले जाएँ मुझको माल-ए-ग़नीमत के साथ उदू;
तुमने तो डाल दी है सिपर, तुमको इससे क्या;
तुमने तो थक के दश्त में ख़ेमे लगा लिए;
तन्हा कटे किसी का सफ़र, तुमको इससे क्या।
#40019 Afsar
12:00:00 AM 27 Jul, 2017
एक दंपत्ति ने जब अपनी शादी की 25 वीं वर्षगांठ मनाई
तो एक स्थानीय समाचारपत्र का संवाददाता उनका साक्षात्कार
लेने उनके घर जा पहुंचा।
दरअसल वे दंपत्ति अपने शांतिपूर्ण और सुखमय विवाहित जीवन के लिये
पूरे कस्बे में प्रसिध्द हो चुके थे।
उनके बीच कभी कोई तकरार नाम मात्र के लिये भी नहीं हुई ।
संवाददाता उनके सुखी जीवन का राज जानने के लिये उत्सुक था।
पति ने बताया - हमारी शादी के फौरन बाद हमलोग
हनीमून मनाने के लिये
शिमला गये हुये थे। वहां हम लोगों ने घुड़सवारी की।
मेरा घोड़ा तो ठीक था पर जिस घोड़े पर मेरी पत्नी सवार थी
वह जरा सा नखरैल था।
उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को नीचे गिरा दिया।
पत्नी ने घोड़े की पीठ पर हाथ फेरते हुये कहा - यह पहली बार है ।
और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई।
थोड़ी दूर चलने के बाद घोड़े ने फिर उसे नीचे गिरा दिया।
पत्नी ने अबकी बार कहा - यह दूसरी बार है।
और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई।
तीसरी बार जब घोड़े ने उसे नीचे गिराया तो मेरी पत्नी ने घोड़े से कुछ नहीं कहा,
बस अपने पर्स से पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी।
मैं अपनी पत्नी पर चिल्लाया - `ये तुमने क्या किया !
तुमने एक बेजुबान जानवर को मार दिया! क्या तुम पागल हो गई हो ?`
पत्नी ने मेरी तरफ देखा और कहा - `ये पहली बार है!`
और बस, तभी से हमारी जिंदगी सुख और शान्ति से चल रही है।
#40338 arman
12:00:00 AM 28 Jul, 2017
मेरी नीम सी जिंदगी को शहद कर दे,
कोई मुझे इतना चाहे की बस हद्द कर दे।
अब कोई दर्द दर्द नहीं लगता,
तेरे दिए हुए दर्द ने तो कमाल कर दिया।
ख्वाहिश थी उस रिश्ते को बचाने की,
और यही वजह थी मेरे हार जाने की।
बस इबादत में कमी है ज़नाब,
वरना ख़ुदा तो हर जग़ह मौजूद है।
सिर्फ दो ही वक़्त पर तेरा साथ चाहिए,
एक तो अभी और एक आने वाले कल मे।
सवाल ये नहीं रफ्तार किसकी कितनी है,
सवाल ये है सलीक़े से कौन चलता है।
तुम्हें तो इल्म है मेरे दिल-ए-वहशी के ज़ख़्मों को,
तुम्हारा वस्ल मरहम है कभी मिलने चले आओ।
जब दिल करता है कुछ करू,
तो तुम्हारे लिए दुआ कर देता हूँ!!
इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा,
मैं नहीं तो कोई तुझको दूसरा मिल जाएगा।
अपने वो नही होते जो तस्वीर में साथ खड़े होते हैं,
अपने वो हैं जो तकलीफ में साथ खड़े होते हैं।