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GYANI
Kanpuriya
14:09:33, 24 October, 2025
मंज़िल से कह दो हमें रास्ता न दिखा,
हम वो हैं जो अपने रास्ते खुद बनाते हैं।
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Related to this Post:
#50588 GYANI
13:38:27, 24 October, 2025
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूं मैं, मंजिल से ज़रा कह दो, अभी पहुंचा नहीं हूं मैं।
#563 ADMIN
10:04:15 AM 11 Oct, 2016
क्या खूब लिखा है किसी ने...🖊
आगे सफर था और पीछे हमसफर था...🖊
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता...🖊
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी...🖊
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...🖊
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते...🖊
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की
मगर पानी मे जहर था...🖊
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...🖊
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए...🖊
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए...🖊
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता...🖊
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता🖊
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...🖊
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर...🖊
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है...🖊
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...🖊
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया...🖊
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा...🖊
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ...🖊
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है...🖊
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...🖊
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...🖊
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी...🖊
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की...🖊
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है...🖊
हंसने की इच्छा ना हो,
तो भी हसना पड़ता है...🖊
.
कोई जब पूछे कैसे हो..?
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...🖊
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों,
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है...🖊
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...🖊
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे हैं की
मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं...🖊
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं...🖊
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ,
कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम...🖊
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने,
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम...🖊
Good Morning
#2256 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
Ⓜ kya khoob likha hai kisine
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
अगर दिल को छु जाये तो शेयर जरूर करे..
_▄▄_
(●_●)
╚═►
#3185 ADMIN
12:45:12 PM 01 Dec, 2017
Ⓜ kya khoob likha hai kisine
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो, प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो... तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में , फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
अगर दिल को छु जाये तो शेयर जरूर करे..
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#16413 harman
12:00:00 AM 19 Mar, 2017
प्रेमिका (प्रेमी से)- अरे बाबा, जल्दी खिड़की से कूदो पापा आ रहे हैं।
प्रेमी- लेकिन यह तो 13वीं मंजिल है....!
प्रेमिका- अरे, यह शगुन-अपशगुन सोचने का वक्त नहीं है...!
…………………………………………………
घोंचू (प्रेमिका से)- मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूं रजनी।
प्रेमिका (उसका हाथ झटकते हुए) बोली- इस प्रेम-वेम को मेरी मां ठीक नहीं समझती।
हैरान होकर घोंचू ने कहा- लेकिन मैंने तुम्हारी मां से प्रेम करने को कब कहा है।
…………………………………………………
प्रेमी- जब कांच टूटता है तो उसके टुकड़े 3000 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से छिटकते हैं। और, जब दिल के टुकड़े होते हैं, तो उसके टुकड़े कितने किलोमीटर प्रति घंटा की गति से छिटकते हैं? बताओ?
..............
............
बताओ?
.........
.........
बताओ?
.......
प्रेमिका- हमें नहीं मालूम जी, हमने तो अपने दिल के चूरे की पुड़िया बांध कर रखी है।
…………………………………………………
प्रेमिका (प्रेमी से)- जब तक मैं तुम्हें मिस कॉल नहीं दूं, तुम मुझे कॉल मत करना। आजकल मेरा मोबाइल मम्मी के पास रहता है।
प्रेमी- अरे, तो फिर हम कभी पकड़े गए तो....?
प्रेमिका- ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, मैंने तुम्हारा नंबर मोबाइल में बैटरी लो के नाम से सेव कर रखा है। जब भी तुम्हारा फोन आता है, मम्मी कहती है बेटा मोबाइल चार्ज कर लो।
…………………………………………………
गर्लफ्रेंड- जानूं, क्या मैं तुम्हारे सपनों में आती हूं?
ब्वॉयफ्रेंड- नहीं...।
गर्लफ्रेंड- ऐसा क्यों?
ब्वॉयफ्रेंड- क्योंकि मैं सोने से पहले हनुमान चालीसा पढ़ता हूं।
#16427 harman
12:00:00 AM 19 Mar, 2017
घोंचू ने अपने दोस्त पोंचू से कहा- मैं अपनी बीवी की वजह से एक दिन नरक में जाऊंगा, हर दिन झूठ जो बोलना पड़ता है।
पोंचू ने हैरान होकर पूछा- ऐसा क्यों है मेरे भाई?
घोंचू- रोज सुबह-शाम सजने-संवरने के मेरी बीवी पूछती है कि मैं कैसी लग रही हूं।
…………………………………………………
बॉयफ्रेंड ने अपनी शेखी बघारते हुए गर्लफ्रेंड से कहा- मेरे पापा के सामने सब लोग कटोरा लेकर खड़े रहते हैं।
गर्लफ्रेंड ने अचंभित होकर पूछा- आखिर तुम्हारे पापा करते क्या हैं??
बॉयफ्रेंड ने धीरे से कहा- वो, गोलगप्पे बेचते है।
…………………………………………………
लड़का- मेरा दिल मोबाइल है और तुम उसकी सिम कार्ड हो।
लड़की- एक बात बताओगे?
लड़का- हां, पूछो?
लड़की- तुम्हारा मोबाइल दो सिम कार्ड वाला तो नहीं है ना?
…………………………………………………
प्रेमिका (प्रेमी से)- अरे बाबा, जल्दी खिड़की से कूदो पापा आ रहे हैं।
प्रेमी- लेकिन यह तो 13वीं मंजिल है....!
प्रेमिका- अरे, यह शगुन-अपशगुन सोचने का वक्त नहीं है...!
…………………………………………………
लड़का- आय लव यू...! ....
......
लड़की- तुम पागल हो क्या...? मैं शादीशुदा हूं...।
....मेरा पति है और एक बॉयफ्रेंड भी है ऑफिस में।
....और मेरा एक्स-बॉयफ्रेंड मेरे पड़ोस में ही रहता है।
...और कल ही मेरे बॉस ने प्रपोज किया है और मैं उन्हें मना नहीं कर सकती...।
....
....
...और वैसे भी मेरा एक के साथ सीरियस मैटर है.....।
....
...
लड़का- (काफी देर देखने के बाद)...
.....
.....
.....
यार, देख ले कहीं एडजस्ट होता हो तो....।
#17292 harman
12:00:00 AM 22 Mar, 2017
3 दोस्त एक ऊंची इमारत की 100वीं मंजिल पर रहते थे। एक दिन वे काम से घर लौटे तो लिफ्ट काम नहीं कर रही थी। दोस्तों ने सीढ़ियों से ऊपर जाने का फैसला किया। पहली 50 मंजिल तक एक दोस्त ने ऐक्शन फिल्म की स्टोरी सुनाई, और समय कट गया। इसके बाद 99 मंजिल तक दूसरे दोस्त ने एक रोमांटिक फिल्म की स्टोरी सुनाई। लेकिन, 100वीं मंजिल पर फ्लैट के बाहर पहुंचकर तीसरे दोस्त ने सिर्फ एक लाइन कही कि तीनों की आंख में आंसू आ गए। उसने कहा, मैं चाबी नीचे कार में ही छोड़ आया हूं। दोस्त, सच में कमीने होते हैं।
#17323 harman
12:00:00 AM 22 Mar, 2017
एक कंजूस अपने घर की छत से नीचे गिर गया। गिरते हुए उसने दूसरी मंजिल की खिड़की से देखा कि उसकी पत्नी खाना बना रही थी। उसने चिल्लाते हुए कहा, 'मेरा खाना मत बनाना।'
#18376 Happy
12:00:00 AM 29 Mar, 2017
बनिया को भूत चड़ गया।
3 दिन बाद भूत खुद ओझा के पास गया और बोला :-
मुझे बाहर निकालो,
वर्ना मै भूखा मर जाउगां।
——————-
बनिया हाथ मे ब्लेड मार रहा था।
बीवी:- ये क्या कर रहे हो जी??
बनिया:-
Dettol की शिशी टूट गई है
कही Dettol बरबाद ना हो जाए।
ला तेरी भी उगंली काट दूँ।
——————-
जहाज के साथ बनिया भी डूब रहा था।
पर बनिया हंस रहा था।
दुसरा यात्री :- ओए, हँस क्यो रहा है??
बनिया :- शुक्र है, मैने रिटर्न टिकट
नही खरीदा।
——————-
बनिया 14 वी मंजिल से नीचे गिरा।
गिरते वक्त उसने अपने घर की खिड़की से
देखा कि बीवी खाना बना रही है।
बनिया चिल्लाया :- “मेरी रोटी मत पकाना”
——————-
बनिया ने शेख को खून देकर उसकी जान बचाई।
शेख ने खुश होकर उसे मर्सिडिज कार गिफ्ट की।
शेख को फिर खून की जरुरत पड़ी, बनिया ने फिर खून दिया।
अबकी बार शेख ने सिर्फ लड्डू दिए।
बनिया (गुस्से से):- इस बार सिर्फ लड्डू????
शेख:- बिरादर, अब हमारे अन्दर भी बनिया का खून दौड़ रहा है।
——————-
कंजूस बनिया मरनेवाला था।
बनिया:- बीवी कहाँ हो?
बीवी :- जी मै यही हूँ।
बनिया:- मेरा बेटा और बेटी कहाँ है।
दोनो बच्चे:- जी हम भी यही है..
बनिया:- तो बाहर वाले कमरे
का पंखा क्यो चल रहा है???
——————-
कंजूस बनिया:- एक केला कैसे दिया???
केलेवाला:- 1 रुपय का।
कंजूस बनिया:- 60 पैसे का देता है?
केलेवाला:- 60पैसे मे तो सिर्फ छिलका मिलेगा।
कंजूस बनिया:- ले 40 पैसे, छिलका रख और केला देदे।
——————-
एक कंजूस बनिया लड़का को बनिया लड़की से प्रेम हो गया।
बनिया लड़की :-
जब पिताजी सो जाएगें
तो मै गली मे सिक्का फेंकुंगी,आवाज सुनकर
तुरन्त अन्दर आ जाना।
लेकिन लड़का सिक्का फेंकनें के एक घन्टे बाद आया।
लड़की :- इतनी देर क्यो लगा दी ?
लड़का :- वो मै सिक्का ढुँड रहा था।
लड़की:- अरे पागल वो तो धागा बाँधकर फेका था, वापस खिच लिया।
#21950 Afsar
12:00:00 AM 13 May, 2017
यादों के झरोखे से
सिमट आया है चाँद मेरे आँचल में,
दुलराता सहेजता अपनी चांदनी को,
एक श्वेत कण बिखेरता
अनगिनित रश्मियाँ
दूधिया उजाला दूर कर रहा है
हृदय के समस्त कोनो का अँधेरा,
देख पा रही हूँ मैं खुदको,
एक नयी रौशनी से नहाई
मेरी आत्मा सिंगर रही है,
महकती बयार में,
बंद आँखों से गिन रही हूँ तारे,
एक एक कर एकाकार हो रहे हैं मुझमें
लम्हे जो संग बांटे थे तुम्हारे,
सूनी सड़क पे,
टहलते कदम,
रुक गए, ठहरे, फिर चले,
चल पड़े मंजिल की और,
और पा लिया मैंने तुम्हे,
सदा के लिए,
महसूस कर रही हूँ मैं,
तुम्हारी दृष्टि की तपिश,
और हिम सी पिघलती मेरी देह,
जो अब नहीं है,
कहीं नहीं है,
समा गयी है नदी
अपने सागर के आगोश में,
क्योंकि मेरा अस्तित्व भी तुम हो,
पहचान भी तुम हो,
मैं जानती हूँ तुम
कहीं नहीं हो,
जाने क्यों हमेशा लगता है
तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो, हो ना