है समंदर तू गेहरा पर शायद साहिल नहीं हु मैं।
है तू शायद खुदा इसी लिए तेरे काबिल नहीं हु मैं।
Hoga तेरी किस्मत में शायद मुझसे भी बढ़कर कोई और,
तभी तो तेरे हासिल नहीं हु मैं।
है समंदर तू गेहरा पर शायद साहिल नहीं हु मैं।
है तू शायद खुदा इसी लिए तेरे काबिल नहीं हु मैं।
Hoga तेरी किस्मत में शायद मुझसे भी बढ़कर कोई और,
तभी तो तेरे हासिल नहीं हु मैं।
