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Rakesh
12:00:00 AM 02 Jun, 2017
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो,
मेरी तरह तुम भी झूठे हो।
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Related to this Post:
#28063 Afsar
12:00:00 AM 13 Jun, 2017
उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर-मंतर सब;
चाक़ू-वाक़ू, छुरियाँ-वुरियाँ, ख़ंजर-वंजर सब;
जिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे-रूठे हैं;
चादर-वादर, तकिया-वकिया, बिस्तर-विस्तर सब;
मुझसे बिछड़ कर वह भी कहाँ अब पहले जैसी है;
फीके पड़ गए कपड़े-वपड़े, ज़ेवर-वेवर सब;
आखिर मै किस दिन डूबूँगा फ़िक्रें करते है;
कश्ती-वश्ती, दरिया-वरिया लंगर-वंगर सब।
#28936 Rakesh
12:00:00 AM 15 Jun, 2017
जो ख्याल थे, न कयास थे,
वो ही लोग मुझसे बिछड़ गए;
जो मोहब्बतों की आस थे,
वो ही लोग मुझसे बिछड़ गए;
जिन्हें मानता नहीं ये दिल,
वो ही लोग मेरे हैं हमसफ़र;
मुझे हर तरह से जो रास थे,
वो ही लोग मुझसे बिछड़ गए;
मुझे लम्हा भर की रफ़ाक़तों
के सराब बहुत सतायेंगे;
मेरी उम्र भर की प्यास थे,
वो ही लोग मुझसे बिछड़ गए;
ये जो जाल सारे है आरजी,
ये गुलाब सारे है कागजी;
गुल-ए-आरजू की जो बास थे,
वो ही लोग मुझसे बिछड़ गए;
मेरी धडकनों के करीब थे,
मेरी चाह थे, मेरा ख्वाब थे;
वो जो रोज़-ओ-शब मेरे पास थे,
वो ही लोग मुझसे बिछड़ गए।
#29514 Afsar
12:00:00 AM 16 Jun, 2017
मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो;
मेरी तरह तुम भी झूठे हो;
इक टहनी पर चाँद टिका था;
मैं ये समझा तुम बैठे हो;
उजले-उजले फूल खिले थे;
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो;
मुझ को शाम बता देती है;
तुम कैसे कपड़े पहने हो;
तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे;
बच्चों सी बातें करते हो।
#34411 Afsar
12:00:00 AM 15 Jul, 2017
उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर-मंतर सब;
चाक़ू-वाक़ू, छुरियाँ-वुरियाँ, ख़ंजर-वंजर सब;
जिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे-रूठे हैं;
चादर-वादर, तकिया-वकिया, बिस्तर-विस्तर सब;
मुझसे बिछड़ कर वह भी कहाँ अब पहले जैसी है;
फीके पड़ गए कपड़े-वपड़े, ज़ेवर-वेवर सब;
आखिर मै किस दिन डूबूँगा फ़िक्रें करते है;
कश्ती-वश्ती, दरिया-वरिया लंगर-वंगर सब।
#35812 arman
12:00:00 AM 16 Jul, 2017
मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो;
मेरी तरह तुम भी झूठे हो;
इक टहनी पर चाँद टिका था;
मैं ये समझा तुम बैठे हो;
उजले-उजले फूल खिले थे;
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो;
मुझ को शाम बता देती है;
तुम कैसे कपड़े पहने हो;
तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे;
बच्चों सी बातें करते हो।
#48288 Reena
12:00:00 AM 21 Jun, 2018
"उसने मुझसे ना जाने क्यों ये दूरी कर ली",
💞 "बिछड़ के उसने मुहब्बत ही अधूरी कर दी",
"मेरे मुकद्दर में दर्द आया.💔.तो क्या हुआ",
"खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी".......🤗