वो सजदा ही क्या
जिसमें सर उठाने का होश रहे.. .!
इज़हार -ए- इश्क का मजा तब
जब मैं बैचेन रहूँ और वो खामोश रहे....!
💞 💞
वो सजदा ही क्या
जिसमें सर उठाने का होश रहे.. .!
इज़हार -ए- इश्क का मजा तब
जब मैं बैचेन रहूँ और वो खामोश रहे....!
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