नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तुजू ही सही,
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही।"
(अर्थ: अगर मंजिल नजर में नहीं है तो
उसे खोजने की चाहत ही सही,
अगर मिलन संभव नहीं है
तो उसकी इच्छा ही सही।)
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तुजू ही सही,
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही।"
(अर्थ: अगर मंजिल नजर में नहीं है तो
उसे खोजने की चाहत ही सही,
अगर मिलन संभव नहीं है
तो उसकी इच्छा ही सही।)
