GYANI Kanpuriya 14:04:49, 24 October, 2025

नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तुजू ही सही,
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही।"

(अर्थ: अगर मंजिल नजर में नहीं है तो
उसे खोजने की चाहत ही सही,
अगर मिलन संभव नहीं है
तो उसकी इच्छा ही सही।)

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